जब से दुर हुए हवाए भी तूमहारी खुशबू नही लाती, ना आईना हमे देख मुसकुराता है, ऐसी भी कया खता हुई हमसे ,हमारा साया भी हमसे नजर चुराता है
जब से दुर हुए हवाए भी तूमहारी खुशबू नही लाती, ना आईना हमे देख मुसकुराता है, ऐसी भी कया खता हुई हमसे ,हमारा साया भी हमसे नजर चुराता है